Sunday, March 7, 2021

महफिल दोस्तों की!

महफिल सजी दोस्तों के नाम थी,

बहुत खूबसूरत वो ढलती शाम थी|

हमारी यादों में ही शामिल है अब वह पल,

क्योंकि वह आज नहीं गुजरी हुई कल शाम थी|


बहुत दिन के बाद हम दोस्त मिले थे,

सबके  चेहरे पर एक अलग मुस्कान थी|

एक दोस्त की सगाई हुई है,

तो ये महफिल भी उसी के नाम थी|


 बहुत खुशी थी जब दोस्तों के आने का इंतजार था,

 हम सबके लिए ये बहुत बड़ा उपहार था|

 और भी ऐसे अनमोल पल हमारी जिंदगी में आते रहें,

 जिंदगी भर ऐसे ही दोस्ती हम निभाते रहें|


 न जाने कौन सा मोड़ जिंदगी में किसका आखिरी मोड़ होगा,

 सिर्फ यादें ही उसकी हमारे साथ होंगी वो हमसे बहुत दूर होगा|

 फिर गिनने लगेंगे हम वही दिन,

 उसके साथ में गुजारी हमने जो शाम थी|


महफिल सजी दोस्तों के नाम थी,

बहुत खूबसूरत वो ढलती शाम थी|

Written By-Kishor Saklani(KRISH)

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