महफिल सजी दोस्तों के नाम थी,
बहुत खूबसूरत वो ढलती शाम थी|
हमारी यादों में ही शामिल है अब वह पल,
क्योंकि वह आज नहीं गुजरी हुई कल शाम थी|
बहुत दिन के बाद हम दोस्त मिले थे,
सबके चेहरे पर एक अलग मुस्कान थी|
एक दोस्त की सगाई हुई है,
तो ये महफिल भी उसी के नाम थी|
बहुत खुशी थी जब दोस्तों के आने का इंतजार था,
हम सबके लिए ये बहुत बड़ा उपहार था|
और भी ऐसे अनमोल पल हमारी जिंदगी में आते रहें,
जिंदगी भर ऐसे ही दोस्ती हम निभाते रहें|
न जाने कौन सा मोड़ जिंदगी में किसका आखिरी मोड़ होगा,
सिर्फ यादें ही उसकी हमारे साथ होंगी वो हमसे बहुत दूर होगा|
फिर गिनने लगेंगे हम वही दिन,
उसके साथ में गुजारी हमने जो शाम थी|
महफिल सजी दोस्तों के नाम थी,
बहुत खूबसूरत वो ढलती शाम थी|
Written By-Kishor Saklani(KRISH)
No comments:
Post a Comment