Monday, February 17, 2020

क्या लिखूं?

आखिर क्या लिखूं क्या-क्या लिखूं,

लिखूं मां की ममता या पापा का प्यार लिखूं?
लिखूं घर के रिश्तो में कम होती मिठास को,
या घरों से खोते हुए संस्कार लिखूं?


आखिर क्या लिखूं?

लिखूं लूट रहे व्यापारियों के व्यापार को,
या  बढ़ती महंगाई की मार लिखूं?
लिखूं चंद कागज के टुकड़ों में बिकने वाले ईमान को,
या राजनीति के नाम से मालामाल हो रहे 
नेताओं का भ्रष्टाचार लिखूं?

आखिर क्या लिखूं?

लिखूं लगातार हो रही भ्रूण हत्याओं के अपराध को,
या दहेज के नाम से बेटियों पर हो रहा अत्याचार लिखूं?
लिखूं तेजाब हमलावरों की दरिंदगी को,
या फिर बलात्कार कर रहे दरिंदों का अपराध लिखूं?

आखिर क्या लिखूं क्या-क्या लिखूं?
   

  Written by-Kishor Saklani

No comments:

Post a Comment